उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की जांच जल्द ही हर जिले में संभव हो सकेगी। प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि इसके लिए हर जिले में कलेक्शन सेंटर बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि पिछले 4-5 दिनों में कोरोना के पाॅजिटिव केसेज की संख्या अचानक बढ़ी है। अब तक प्रदेश में 300 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस हैं। इनमें से 168 तबलीगी जमात से जुड़े हैं। सरकार कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए हर स्तर पर प्रभावी कदम उठा रही है। जब पहला केस आया था तब एक भी लैब नहीं थीं और अब हर जिले में जांच की सुविधा होने जा रही है।
तो इसमें प्रयोग होगा कोविड केयर फंड
यूपी सीएम ने बताया कि प्रदेश में कोविड केयर फंड (Covid care fund) बनाया गया है। सरकार ने फैसला लिया है कि इस फंड में जो भी फंड आएगा उसका प्रयोग टेस्टिंग सुविधा को बढ़ाने के लिए प्रयोग होगा।
हर जिले में हो सकेगी कोरोना की जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि कोरोना का जब पहले मरीज प्रदेश में आया था तब एक भी लैब (corona testing lab) यहां नहीं थीं। अभी तक प्रदेश में सिर्फ दस मेडिकल कॉलेजों में ही कोरोना की जांच संभव है। सरकार अब जिलों में जांच की सुविधा देने जा रही है। इसके लिए सभी 75 जिलों में कलेक्शन सेंटर (Collection centre) बनाए जाएंगे ताकि मरीजों का सैंपल वहीं लिया जा सके।
रिसर्च के लिए लैब होंगी अपग्रेड
यूपी सीएम ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जिन सहायक उपकरणों की आवश्यकता है। इन सबके मैन्युफैक्टरिंग की कार्रवाई हो रही है। प्रदेश में 24 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं, भारत सरकार के सहयोग से अब तक दस लैब में ही कोरोना जांच (Corona test) की सुविधा है। अब इन दस का अपग्रेडेशन हो रहा है ताकि वहां जांच के साथ किसी भी वायरस पर रिसर्च की जा सके।
छह मंडलों में बनेंगी टेस्टिंग लैब
यूपी के अंदर छह कमिश्नरी मुख्यालय ऐसे हैं जहां कोई सरकारी अस्पताल नहीं है। वहां पर एक टेस्टिंग लैब की कार्रवाई हो रही है। सीएम ने कहा कि ये टेस्टिंग लैब देवीपाटन, गोंडा, मिर्जापुर, बरेली, मुरादाबाद और अलीगढ़ में बनेंगी। वाराणसी के बीएचयू में लैब है लेकिन यहां के जिला अस्पताल में भी लैब बनेगी।