लखनऊ। सबसे अधिक कृषकों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि की राशि पहुंचाने का पहला पुरस्कार मिलने से उत्साहित सरकार अब सूबे के काश्तकारों को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाकर उन्हें हाइटेक बनाने की तैयारी में है। इसके तहत कृषि विभाग में पंजीकृत 2.48 करोड़ किसानों को उन्नत कृषि तकनीक से लेकर मौसम की जानकारी, योजनाओं का लाभ एवं बाजार भाव तक काश्तकारों को एक क्लिक पर उपलब्ध होंगे। अर्थात बीज से बाजार तक की हर जानकारी पलक झपकते मिल जाएगी। सरकार यह सुविधा पीपीपी मॉडल पर किसानों को उपलब्ध कराएगी।
जल्द ही यूपी का किसान पूरी तरह से हाइटेक हो जाएगा। खेत में बैठे-बैठे ही वहीं उसे मौसम की जानकारी मिल जाएगी। साथ ही उसकी खेत में जो फसल हैं उसके बाजार भाव क्या है यह जानकारी भी क्षण भर में पता लगा लेगा। लेकिन इसके लिए उस किसान को कृषि विभाग के पोर्टल पर अपना पंजियन कराना होगा। सरकार फिलहाल पंजीकृत किसानों के लिए यह कवायद शुरू करने जा रही है। चूंकी सभी पंजीकृत किसानों के मोबाइल नम्बर सरकार के पोर्टल पर दर्ज है। लिहाजा उन्नत कृषि तकनीक से लेकर मौसम व नई योजनाओं की जानकारी के साथ-साथ तापमान बढ़ने-घटने या मानसून की अथवा पश्चिमी विक्षोभ आदि की जानकारी लगातार दी जाएगी।
साथ ही ई-नाम से जुड़ी प्रदेश की 125 मण्डियों में जिन्सों के भाव नियमित रूप से पंजीकृत किसानों के मोबाइल पर दी जाएगी। ताकि वे भाव जानकर सम्बन्धित मण्डियों में अपने उत्पाद पहुंचाकर अधिक से अधिक लाभ कमा सके। इसके अलावा रबी, खरीफ और जायद के दौरान उनकी विभिन्न फसलों की कब बुआई-रोपाई से लेकर निराई-गुड़ाई व सिंचाई की जानी है। तथा कब हार्वेस्टिंग की जानी चाहिए जैसी सारी सूचनाएं विशेषज्ञों के माध्यम से किसानों के मोबाइल पर उपलब्ध कराई जाएगी। किसान चाहे तो खेती से जुड़ी अपनी समस्या का समाधान भी विशेषज्ञों से पूछ सकेगा। ऐसी भी व्यवस्था की जा रही है। इस पूरी प्रक्रिया को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत संचालित किया जाएगा।