आजमगढ़। जी हां हम बात कर रहे हैं कुछ जनप्रतिनिधियों की जिनको इस वक़्त सरकारी धन पर हाथ साफ करने का जैसे छूट मिल गया है कही लोगो ने अपनी निधि का खजाना खोल दिया, तो कही ग्राम प्रधान लूट खसोट में लगे हुए हैं, पर धरातल पर नजारा कुछ और ही हैं, निधि का वह पैसा गया कहां ? इस पर कुछ कहा नही जा सकता। एक ऐसा ही मामला आजमगढ़ से आया हैं जहां पर आपदा राहत के 1000 हजार रुपये में ग्राम प्रधान पर 200 रुपये सुविधा शुल्क मांगने के आरोप को मंगलवार को डीएम नागेंद्र प्रसाद सिंह ने गंभीरता से लिया। और उन्होंने जांच के बाद भी तत्काल कार्रवाई न किए जाने पर बीडीओ पर नाराजगी जताई व प्रधान के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर उसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने बताया कि बरदह थाना अंतर्गत ग्राम पंंचायत ठेकमा में आपदा राहत के कोष से संबंधित लाभार्थियों को एक-एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं। कई लोगों की शिकायत मिली की ग्राम प्रधान द्वारा प्रति लाभार्भी दो-दो सौ रुपये सुविधा शुल्क मांगा जा रहा है। बीडीओ ने एडीओ पंचायत से जांच कराई तो तीन-चार लोगों ने शिकायती पत्र दिया। जांच में यह भी प्रकरण सामने आया कि ग्राम प्रधान का पुत्र सुविधा शुल्क की मांग कर रहा था। डीएम ने अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई न होने पर बीडीओ का कड़ी फटकार लगाते हुए खुद ग्राम प्रधान के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। एसओ बरदह को भी सख्त निर्देश दिए कि मुकदमा दर्ज करने में किसी प्रकार की हीलाहवाली और देरी नहीं होनी चाहिए।