वाह रे बलिया जिला प्रशासन की जांच ! सरकार के सख्त निर्देश के बाद लगातार होने लगी कार्यवाही, इससे पहले की जांच में जल्दी नही मिलती थी अनियमितता
बलिया। सरकार द्वारा लाकडॉउन में गरीबों, निराश्रितों व मजदूरों को नि:शुल्क राशन वितरण को पारदर्शी बनाने के प्रयास के बावजूद कोटेदारों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। पर सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि जहां लॉक डाउन से पहले सैकड़ों लोगों की शिकायत करने के बावजूद जांच अधिकारी की जांच में जल्दी किसी कोटे की दुकान पर अनियमितता सामने नही आती थी, और हमेशा अधिकतर कोटेदारों को जिला प्रशासन की जांच में क्लीन चिट दे दिया जाता था, पर आज जब सरकार ने अधिकारियों की जबाबदेही तय कर दी तो जांच में दूध का दूध और पानी का पानी होने लगा है ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि क्यों नहीं हमेशा ऐसी ही निष्पक्ष जांच की जाती है ?
कुछ इसी तरह का वाक्या चितबड़ागांव थाना क्षेत्र के रामपुर चीट के राजकीय सस्ते गलें की दुकान पर देखने को मिला हैं।
मिली जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के रामपुर चीट की कोटे की दुकान को लेकर ग्रामीणों ने भारी अनियमितता की शिकायत एसडीएम सदर अश्विनी कुमार श्रीवास्तव से की थी। जिसपर एसडीएम सदर ने जांच करवाया तो सारे आरोप सही मिले, जांच में यह बात सामने आई कि कोटेदार द्वारा खाद्यान्न वितरण के दौरान 35 किग्रा की जगह 32 किग्रा ही खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। जांच में अनियमितता सामने आने पर रामपुर चीट कोटेदार विजय बहादुर सिंह की दुकान को निलंबित कर दिया गया। अब ऐसे में ग्रामीणों में चर्चा हैं कि इससे पहले भी तो जांच होती होगी ? पर जल्दी कभी कोई कार्यवाही क्यों नही होती ?