बलिया। जी हां हम बात कर रहे हैं बलिया जनपद के अधिशासी अधिकारी दिनेश विश्वकर्मा की, जो अपने कृत्यों से हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। और इन दिनों यह शासन में अच्छी पकड़ के लिए भी मशहूर बने हुए हैं। वर्तमान में दिनेश विश्वकर्मा की तैनाती बलिया नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी के पद पर है। जहां पर वह तमाम वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगने के बावजूद भी लंबे समय से अपना पाव जमाए हुए हैं और इनको कोई यहां से हिला भी नही पा रहा है।
दिनेश विश्वकर्मा की अच्छी पंहुच के चलते बलिया में महीनों दिन तक काम करने के बाद बिना ज्वाइनिंग किए ही वापस जाना पड़ा तत्कालीन ईओ डॉ इंदुशेखार मिश्रा को
बताते चलें कि अभी हाल ही में पूर्व डीएम भवानी सिंह खंगारोत से लोगो ने दिनेश विश्वकर्मा की तमाम वित्तीय अनियमितताओं व काले कारनामो की शिकायत की थी, जिसको जिलाधिकारी ने गंभीरता से लेते हुए इनकी जांच करवाई उसके बाद शासन को दो-दो बार डीओ लिखा। पर दिनेश विश्वकर्मा की अच्छी पकड़ के आगे जिलाधिकारी का डीओ भी इस अधिशासी अधिकारी का कुछ कर ना सका। इतना ही नही जनपद के दो-दो मंत्री भी इनके काले कारनामे की जांच करवाकर दिनेश विश्वकर्मा के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के लिए उतावले थे पर अफसोस कि बात तो यह है कि बाद में इनका भी मूड बदल गया। बताते चले कि बीते दिनों शासन ने दिनेश विश्वकर्मा का ट्रांसफर रामपुर के लिए कर दिया था और वहां के अधिशासी अधिकारी (ईओ) को बलिया भेज दिया गया परन्तु नगर पालिका अध्यक्ष से अच्छी साठगांठ होने के कारण अध्यक्ष ने तत्कालीन अधिशासी अधिकारी को महीनों दिन तक बलिया ज्वाइन ही नही करने दिया, तब तक दिनेश विश्कर्मा अपना ट्रांसफर रुकवा कर बलिया आ गए। और लूट खसोट का खेल जारी हैं।
ताज्जुब की बात तो यह है कि दिनेश विश्वकर्मा नगर पालिका अध्यक्ष को गाली देते हैं और नगर पालिका अध्यक्ष अपने लिखित पत्र में ईओ दिनेश विश्वकर्मा से अपनी जान को खतरा बता रहे हैं, फिर भी नगर पालिका में बड़ा से बड़ा खेल हो जा रहा है। अब ऐसे में सबके दिमाग मे एक ही सवाल घूम रहा हैं कि जब दोनों एक दूसरे का विरोध ही कर रहे हैं तो नगर पालिका में इतना बड़ा खेल कैसे हो रहा है?