लखनऊ। ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25-दिसंबर यानि क्रिसमस पर पूरा हो जाएगा, इसके बाद प्रधानों को गांव में किसी भी तरह का विकास कार्य करने का अधिकार नहीं रहेगा। गांवों में प्रशासक नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है, 26-दिसंबर से प्रशासक जिम्मेदारी संभाल लेंगे। ग्राम निधि के खातों में करीब 60 करोड़ की रकम खर्च होने से बच गई हैंजबकि जनवरी में 15 वें वित्त आयोग की 57 करोड़ की किस्त आने वाली है, ऐसे में नए प्रधानों को शपथ लेते ही 127-करोड़ ग्राम निधि के खातों में मिलेंगे।
कोरोना के संक्रमण काल में ग्राम प्रधानों को हाथ खोलकर सरकारी रकम को खर्च करने का मौका नहीं मिला, करीब सात महीने गांवों में ग्राम निधि से विकास कार्यों की रफ्तार थमी रही। वही लॉक डाउन ने हालत और बिगाड़ दिए। प्रधान अंतिम ओवरों में बेहतरीन बैटिंग नहीं कर सके। वोटरों को लुभाने के लिए उनके घरों तक नाली खड़ंजा नहीं डलवा सके, ग्राम निधि के खातों में जमा रकम को देखते ही रह गए। बरेली की 1193 ग्राम पंचायतों में करीब 60-करोड़ की रकम खर्च होने से बच गई, हालांकि ग्राम प्रधान अंतिम दिनों में इधर-उधर के बिल लगाकर भुगतान कराने की कोशिश कर रहे हैं जांच के डर से पंचायत सेक्रेटरी भुगतान के दस्तावेज साइन करने से घबरा रहे हैं। अब अप्रैल में ग्राम पंचायत का चुनाव होने की उम्मीद जताई जा रही है।
धर्मेंद्र कुमार, डीपीआरओ ने बताया कि ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25-दिसंबर को समाप्त हो जाएगा ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त होंगे ग्राम निधि के खातों में विकास कार्यों की कई करोड़ की रकम है जनवरी में 15 वें वित्त आयोग की किस्त भी ग्राम निधि के खाते में जाएगी 25 के बाद ग्राम प्रधानों को किसी तरह के भुगतान का अधिकार नहीं होगा।