दिल्ली। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टेलीविजन रेटिंग्स के चल रहे विवाद के बीच ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल इंडिया से कहा कि जब तक मंत्रालय की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक टीवी रेटिंग्स पर यथास्थिति बनाए रखी जाए। जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने BARC से ये बातें कही। वहीं न्यूज चैनलों का टीआरपी घोटाला सामने आने के बाद टेलीविजन रेटिंग मापने वाली संस्था बार्क ने अगले 12 हफ्तों यानि 3 महीने के लिए TRP मापने पर रोक लगा दी थी।
हैरानी की बात ये है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ये चिट्ठी ऐसे वक्त पर सामने आई है, जब कुछ दिन पहले ही कुछ राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चैनलों की इंडस्ट्रियल बॉडी न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन ने सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की थी। फेडरेशन के सदस्यों ने जावड़ेकर से टीआरपी घोटाले की जांच के संबंध में डेटा को लेकर दखल की मांग की थी। चिट्ठी में ये भी दावा किया गया है कि न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन BARC में किसी भी बदलाव के लिए तैयार हैं, लेकिन रेटिंग्स की पूर्ण अनुपस्थिति ने समाचार चैनलों की अर्थव्यवस्था को वास्तव में नष्ट कर दिया है।
न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन ने इस मामले में सूचना मंत्रालय को एक चिट्ठी भी लिखी थी। इसमें कहा गया, हम BARC में हितधारक हैं। डेटा मापना हमारे प्रसारण उद्योग की जीवन रेखा है। टीवी रेटिंग्स में इससे पहले भी हेरफेर की घटनाएं हुई हैं, लेकिन इसे बंद करना समस्या का समाधान नहीं है। सुधार केवल तब हो सकता है, जब डेटा लगातार रहे। यही सुधार की एक सतत प्रक्रिया है। ऐसे में हम विनम्रतापूर्वक आपसे अनुरोध कर रहे हैं कि आप इस मामले पर हस्तक्षेप करें।