कन्नौज। यूपी के कन्नौज जिले में डीएम और एसपी के सामने पहुंचे दिव्यांग ने जब हाथ जोड़ कहा कि साहब मैं जिंदा हूं पर कोई अधिकारी मान नहीं रहा है। लंबे समय से मैं खुद को जिंदा साबित करने की लिए दौड़ रहा हूं पर कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। आप मुझे जिंदा कर दीजिए। दिव्यांग की करुण वेदना सुन डीएम और एसपी भी चौक गए।
गुरसहायगंज कोतवाली में समाधान दिवस के दौरान अनौगी के ग्राम धुखरी निवासी दिव्यांग कमलेश चन्द्र ने बताया कि साजिश के तहत उसकी ही भाभी ने कागजों पर उसे मुर्दा घोषित करा दिया। अब वह खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रहा है। इस पर डीएम ने तुरंत दोषियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाने का आदेश दिया।
शनिवार को गुरसहायगंज कोतवाली आयोजित समाधान दिवस में कागज फिल्म की कहानी दोहराई गई, अनौगी के ग्राम धुखरी निवासी दिव्यांग कमलेश चन्द्र ने डीएम राकेश मिश्रा व एसपी प्रशांत वर्मा को बताया कि वह कागजों में मुर्दा हो चुका है, अपने को जिंदा साबित करने के लिए हर जगह गुहार लगा चुका लेकिन लेखपाल की कलम के आगे हर कोई नतमस्तक है। कमलेश ने बताया कि उसके भाई विमलेश का निधन चार फरवरी 2021 को हो गया था। भाभी ने अन्य लोगों की मदद से भाई के अंतिम संस्कार के बाद सम्पत्ति हड़पने की नियत से अभिलेखों में फर्जीवाड़ा कर उसे मृत दिखा दिया। उसके बैंक खाते से जमा निकासी पर भी रोक लगवा दी। उसे अपने हिस्से की जमीन बेचकर बनवाए गए पक्के मकान में भी रहने से मना कर दिया। इतना ही नहीं उसकी जमीन वरासत में चढ़वा ली।
मामले डीएम ने क्षेत्रीय लेखपाल कन्हैया लाल को मौके पर बुलाकर जमकर फटकार लगाई और जांच कर दोषियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मामले में फर्जीवाड़ा करने वाले सभी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। पूरे मामले की रिपोर्ट भी उन्होंने तलब की है। डीएम के निर्देश पर गांव पहुंची कोतवाली पुलिस ने जांच पड़ताल की तो आरोपित महिला मौके पर नहीं मिली। पुलिस ने मकान के एक कमरे में पीड़ित को कब्जा दिला दिया।
बचपन से दिव्यांग, नहीं हुई शादी
कमलेश ने बताया कि उसे जन्म के ढाई वर्ष बाद पोलियो हो गया था, जिससे वह पैरों से असहाय हो गया। इस कारण उसका विवाह नहीं हो पाया। उसने अपने हिस्से की करीब चार बीघा जमीन बेचकर पक्का मकान बनवाया। इस पर उसके जुड़वा भाई विमलेश के निधन के बाद उसकी पत्नी का कब्जा है। उसके हिस्से की बची करीब साढे़ तीन बीघे जमीन पर भी उसे कब्जा नहीं मिल रहा है।
कैसे बना फर्जी कागज, होगी जांच
अफसरों से निर्देश मिलने के बाद पुलिस व राजस्व महकमे ने कार्रवाई शुरू कर दी है। डीएम के निर्देश के बाद अब यह पता लगाया जा रहा है कि किसकी मिलीभगत से गलत दस्तावेज तैयार कर जिंदा को मुर्दा साबित करने की कोशिश की गई।