बलिया। जनपद में जैसे जैसे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का समय नजदीक आ रहा हैं वैसे वैसे राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती चली जा रही हैं। अगर हम बात करें निष्पक्ष चुनाव की तो एक तरफ जहां पुलिस निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं वही अराजकतत्व अराजकता फैलाने से बाज नही आ रहें।
अभी हाल ही में एक मामला बांसडीहरोड थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव का आया हैं जिसमे बीते वर्ष कुछ अराजकतत्वों द्वारा एक महिला को जलाकर मार डालने का मामला प्रकाश में आया था। जिसमे पुलिस ने ग्राम प्रधान कयामुद्दीन अंसारी समेत अन्य लोगो को मुल्जिम बनाया था। परन्तु कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल करते समय बांसडीहरोड थाने के हल्का इंचार्ज श्री चन्द्र प्रकाश कश्यप ने कुछ लोगो को तो मुल्जिम बनाया पर ग्राम प्रधान को अपनी जांच में निकाल दिया था। जिसकी उच्चधिकारियों के यहां पैरवी सलेमपुर के ही निवासी स्वामीनाथ साहनी कर रहें थे, और वह पिछली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रत्याशी भी थे, और अपने प्रतिद्वंदी से बस मामूली ओट से हारे थे। इस बार स्वामीनाथ ने अपने बड़े भाई को चुनाव के मैदान में उतारा हैं। वही 17 अप्रैल को स्थानीय पुलिस ने स्वामीनाथ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
परिजनों का आरोप
पूरे प्रकरण में स्वामीनाथ साहनी की पत्नी ने उच्चधिकारियों के यहां न्याय की गुहार लगाते हुए अपने दिए गए शिकायती पत्र में कहां हैं कि 17 मार्च को मेरे पति शंकरपुर स्थित पूर्वांचल बैंक में गए थे, जहां हत्या के मामले को बार बार उच्चधिकारियों के यहां शिकायत करने को लेकर तिलमिलाए बांसडीहरोड एसओ राम साजन नागर ने साजिश के तहत उन्हें गिरफ्तार कर लिया, और यह गिरफ्तारी अन्यंत्र जगह से दिखा कर फर्जी तरीके से कट्टा व अवैध शराब में चालान कर जेल भेज दिया, जिसमे पूरे प्रकरण में विपक्ष प्रत्याशी व पूर्व प्रधान कयामुद्दीन अंसारी का भी अहम भूमिका हैं जिससे कि हम लोग चुनाव हार जाए।
किसी भी निर्दोष व्यक्ति को नही फसाया जाएगा, पूरे प्रकरण की जांच सीओ बांसडीह से कराई जा रही हैं। जांच में जो भी तथ्य सामने आएगा उस आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। - विपिन टाडा, एसपी बलिया