ग्रामीण कर रहे तहसील प्रशासन की कुम्भकर्णी नींद से जगने का इंतजार, मेघावी छात्रों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़.....

तहसील प्रशासन व कर्मचारियों की खीचतान में सैकड़ो छात्रों का भविष्य अंधकार में

लेखपाल की तैनाती न होने से राजस्व कार्य के साथ छात्रों का ईडब्लूएस समेत निवास, आय व जाति प्रमाण पत्र रूका

तहसील प्रशासन बना तमाशबीन, ग्रामीणों में आक्रोश



गाजीपुर। मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के सियाड़ी गांव मेंं लेखपाल की तैनाती न होने से छात्रों का ईडबलूएस समेत जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र व कई सारी चीजें तीन महीन से प्रभावित है। इस समस्या से जूझ रहे छात्रों को विद्यालयों में दाखिले से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं से भी वंचित होना पड़ रहा है। इतना ही नहीं गांव से जुड़े राजस्व एवं विकास कार्य भी प्रभावित हो रहा हैं।
बताते चलें कि मुहम्मदाबाद तहसील के सियाड़ी गांव में तीन माह से किसी लेखपाल की नियुक्ति नहीं की गई है। तहसील प्रशासन का कहना हैं कि इससे पहले गांव में तैनात लेखपाल को भ्रस्टाचार में संलिप्त पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया था। बाद में उन्हें बहाल कर अन्यत्र जगह तैनाती दे दी गई। लेकिन सबसे बड़ी बात यह हैं कि उस लेखपाल की जगह अभी तक गांव में किसी अन्य लेखपाल की नियुक्ति नहीं की गई है। किसी लेखपाल की स्थाई तैनाती न हाने से कई समस्याओं से ग्रामीणों एवं छात्रों को जूझना पड़ रहा है। इस हल्के का प्रभारी लेखपाल भी आज तक कभी इस गांव में नहीं पहुंचा और न ही उसे लोग जानते हैं। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन से कई बार की है। लेकिन तहसील प्रशासन इसे लेकर उदासीन बना हुआ है। समाजसेवीयो सहित ग्रामीणों ने तहसीलदार मुहम्मदाबाद अमित शेखर से लेखपाल की तैनाती के मुद्दे पर बात की तो, उनका कहना था कि गांव में लेखपाल पुनीत राय को कुछ दिन पहले तैनात किया गया है। सियाड़ी गांव में तैनाती का आदेश भी जारी कर दिया गया है।

इस संबंध में जब उक्त लेखपाल से पूछे जाने पर कहा कि मैंने अभी तक सियाड़ी गांव का चार्ज नहीं लिया है। अभी मैं वहां के किसी समस्या का निस्तारण नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे दो हल्का मिला है। रेडमार और सियाड़ी मुझे दोनों का काम देखना है। देखा जाए तो इन दो गांवों के बीच की दूरी काफ़ी अधिक है। मैंने मांग किया है कि मेरा दोनों हल्के आस-पास हों। जिससे काम करने में सुविधा रहे। अभी तक तहसील द्वारा निर्णय नहीं हो सका है। इसी वजह से मैं चार्ज नहीं ले रहा हूं। तहसील और लेखपाल की खींचतान में सियाड़ी गाँव के छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। उनका समय से आय, जाति और निवास प्रमाण तक नहीं बन रहा हैं। साथ ही राजस्व संबंधित सभी कार्य बिल्कुल ठप है। जिससे की सरकार की मंशा भी धूमिल हो रही हैं। वहीं ग्रामीणों का कहना हैं कि अगर समस्या का समाधान तत्काल नहीं किया गया तो, इस मुद्दे को लेकर ग्रामीण जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत करने को वाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी तहसील प्रशासन की होगी। अब ऐसे में देखना यह हैं कि तहसील प्रशासन व जिला प्रशासन कब अपनी कुम्भकर्णी नींद से जगता हैं और जनहित को ध्यान में रखते हुए कब तक इस गांव में किसी लेखपाल की तैनाती की जाती हैं।
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