भ्रष्टाचार का रावण बनता जा रहा बलिया का आरटीओ आफिस, जिम्मेदार बने तमाशबीन, यहां हर काम के लिए पकड़ना पड़ता है दलाल को
बलिया। अगर हम बात करे प्रदेश की योगी सरकार की तो भले ही सरकार ने भ्रष्ट कर्मचारियों व अधिकारियों की छटनी करना शुरू कर दिया हो, पर अब भी बहुत सारे भ्रष्ट अधिकारी अपनी भ्रष्टाचार वाली आदतों से बाज नही आ रहे हैं सिर्फ इतना ही नही बल्कि ऐसे अधिकारी अपनी काली कमाई की बदौलत करोड़ों अरबो की संपत्ति अर्जित कर लिए है और कर भी रहे है। फिर भी उनकी इस काली कमाई पर जल्दी किसी की नजर नही पड़ रही। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार किस तरह व्याप्त है अगर आपको ये देखना हो तो आप बलिया के (आरटीओ) क्षेत्रीय संभागीय परिवहन विभाग में देख सकते है जहां पर हर कार्य के लिए दलाल को पकड़े बिना या घुस दिए बिना आपका कोई भी काम जल्दी नही हो सकता है। फिर भी ऐसे अधिकारियों या ऐसे विभाग पर सरकार की नजर क्यों नही पड़ती?
सूत्रों के अनुसार ऐसे होती है इनकी कमाई
आजमगढ़ के एआरटीओ संतोष कुमार सिंह को बलिया का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है पर ये हफ्ते में सिर्फ एक दिन ही बलिया आते है और उतने में ही अपना सारा काम निपटा कर वापस भी चले जाते है। वहीं विभागीय सूत्रों की माने तो फिटनेस और (डीएल) ड्राइविंग लाइसेंस का काम आरआई राजभूषण यादव देखते है जबकि गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन व अन्य काम प्रभारी एआरटीओ संतोष कुमार सिंह के जिम्मे है। लोगो की माने तो एआरटीओ साहब का हर फाइल पर एक सुविधा शुल्क तय है जिसके अनुरूप उनको सुविधा शुल्क दिया जाता है। और शायद यही कारण भी है कि वह एक दिन में ही अपना एक हफ्ते का काम निपटा कर वापस भी चले जाते है।
मीडिया से बातचीत में क्या बोले प्रभारी एआरटीओ संतोष कुमार सिंह
मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि मेरा वेतन से लेकर हर काम आजमगढ़ से ही होना है तो हम बलिया में ज्यादा टाइम क्यों दे। सिर्फ इतना ही नही उनका ये भी कहना है कि सरकार को यहां पर किसी को न्युक्त कर देना चाहिए, एक अधिकारी को इतना परेशान करने की क्या जरूरत है। वहीं विभाग के अवैध वसूली के सवाल पर उन्होंने यह भी कहा कि देश की 90 प्रतिशत मीडिया तो दलाली ही कर रही है तो ऐसे में मेरा विभाग कर रहा है तो इसमें कौन सी बुराई है। अब ऐसे में देखना यह है कि ऐसे अधिकारियों पर कब तक मेहरबान रहती है योगी सरकार?