बलिया। जी हां हम बात कर रहे है योगी सरकार के बलिया पुलिस की, जो आज कल अपने पुलिस की ड्यूटी के साथ साथ मीडिया का भी काम बखूबी निभा रही है। पर ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब पुलिस ही किसी मामले का खुलासा करे और खुद ही अपना सवाल जवाब कर के अपनी पीठ थपथपा ले तो मीडिया के लोग कहां जाएंगे।
बात कुछ यूं है कि जब पुलिस किसी अपराधी को पकड़ती है या किसी घटना का अनावरण करना होता है तो पुलिस के आलाधिकारी या पुलिस विभाग के जनपद के मुखिया अपने अनुसार एक जगह तय करते है और वहां पर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों को बुलाया जाता है। ज्यादातर यह प्रेसवार्ता पुलिस लाइन में ही आयोजित होती है। जिसमे पकड़े गए अपराधी को मीडिया के सामने प्रस्तुत कर उसके अपराध के बारे में जानकारी दी जाती है। जिससे वह खबर मीडिया के लोग अपने अखबार या टीवी चैनलों के माध्यम से लोगो तक पहुचाते है। सिर्फ इतना ही नही मीडिया के लोग अपने अनुसार घटना के बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए वहां प्रेसवार्ता कर रहे अधिकारी सवाल भी करते है। परंतु बलिया पुलिस अब धीरे धीरे इस प्रथा को बंद करते हुए घटना की जानकारी (बाइट) एक वीडियो के माध्यम से मीडिया के एक ग्रुप में डाल दे रही है। ऐसे में अब धीरे धीरे मीडिया का काम भी बलिया पुलिस ही करने लगी है। जिसके कारण अब बलिया के पत्रकारो को किसी घटना के बारे में विस्तृत या पूर्ण जानकारी लेने में असफलता हाथ लग रही है।