बलिया। भले ही प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मुहिम चलाकर भ्रष्ट लोगो को जबरिया रिटायरमेंट से लेकर बर्खास्त तक कि कार्यवाही कर रही है लेकिन अब भी कुछ अधिकारी व कर्मचारी ऐसे है जो योगी सरकार की इस मुहिम को अपने पांव तले रौंदते नजर आ रहे है। जिसका जिताजगता उदाहरण सुखपुरा थाने के प्रभारी निरीक्षक अमित सिंह है जो स्थानीय लोगो को थाने में बैठकर हर रोज महफिल जमाते है। सिर्फ इतना ही नही विभागीय सूत्रों की माने तो प्रभारी निरीक्षक के ऐसा करने की सबसे बड़ी वजह यह है कि वह थाने के कारखास के अलावा बाहरी लोगों को थाने में बैठाकर हर मामले को डील करवाकर पैसे की वसूली करवाते है। प्रभारी निरीक्षक के ऐसा करने की सबसे बड़ी खास बात यह है कि अगर किसी उच्चाधिकारियों के पास इनकी धनउगाही की शिकायत पंहुचती भी है तो शिकायतकर्ता ये साबित ही नही कर पाएगा कि मैं प्रभारी निरीक्षक या थाने के किसी अन्य व्यक्ति को पैसा दिया हूं। और ऐसा कर के सुखपुरा प्रभारी निरीक्षक आसानी से अपने उच्चाधिकारियों के आंखों में धूल झोंक ले रहे है और खुद को बेगुनाह साबित करने में सफल साबित हो रहे है। बीते दिनों वहां के छोटे छोटे पटरी दुकानदारों ने इनकी वसूली की शिकायत जिलाधिकारी से भी की थी जिसकी जांच जनपद की तेजतर्रार महिला सीओ प्रीति त्रिपाठी कर रही थी तब तक उनका लखनऊ के लिए तबादला हो गया और वह जांच अधूरी ही रह गयी। ऐसे में प्रभारी निरीक्षक अमित सिंह के इन कृत्यों से जनपद के पुलिस मुखिया व प्रदेश के तेजतर्रार IPS राज करण नैय्यर की भी छवि धूमिल हो रही है।