बलिया। जनपद मे छात्र नेता छात्र संघ चुनाव कराने के लिए विगत कई दिनों से सड़को पर आंदोलन कर रहे है। वही दूसरी तरफ टी0 डी0 कॉलेज के छात्र नेता प्रवीण कुमार सिंह ने आज प्रदेश मे विधान सभा भंग कर राष्ट्रपति शासन लगाने हेतु राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी की अनुपस्थिति मे उनके कक्ष में बैठी प्रतिनिधि उपजिलाधिकारी सीमा पांडेय को सौपा। छात्र नेता प्रवीण सिंह का कहना है की भारत दुनिया की सबसे स्वस्थ व संविधानिक मूल्यो पर आधारित लोकतांत्रिक गणराज्य है। किंतु विगत कई वर्षों से उत्तर प्रदेश मे लगातार प्रशासनिक अमलो द्वारा संविधानिक परंपराओ व अधिकारों पर निरंतर कुठाराघात प्रहार जारी है। जिससे की उत्तर प्रदेश सरकार की प्रजातांत्रिक व्यवस्था पर नौकरशाही अनैतिक ढंग से प्रभावी दिख रही है। इसी क्रम मे बलिया जनपद समेत प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों में भी छात्र संघ चुनाव कराने हेतु छात्र कई दिनों से आंदोलित है, लेकिन इस प्रदेश की बेलगाम नौकरशाही इन आंदोलनों के प्रति तनिक भी गंभीरता नही दिखा रही। जो की सीधे तौर पर लोकतांत्रिक मूल्यों व जन अधिकारों पर कुठाराघात प्रहार है। यही नही बलिया जनपद मे विधायकगण (विधानसभा बासडीह, फेफना, बैरिया, सिकंदरपुर) ने जिलाधिकारी को चिट्ठी लिखकर कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा, लेकिन उन जनप्रतिनिधियों के पत्रों के प्रति कोई गंभीरता या जवाबदेही न रखना जिलाधिकारी के तानाशाही रवैये का जीवंत उदाहरण है। साथ ही सीधे तौर पर लोकतांत्रिक ढाँचे पर अपनी खुली तानाशाही थोपना है। ऐसे मे जिस प्रदेश मे लाखों लोगों के प्रतिनिधि मा. विधायक व सड़को पर आंदोलित छात्रों की आवाज का न सुना जाना खुले तौर नौकरशाही के एकाधिकार व बेअंदाजी का प्रमाण है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है की पांच मा0 विधायक व सत्तारूढ़ मा0 मंत्री पर एक तानाशाह जिलाधिकारी की नौकरशाही भारी है। यह प्रजातांत्रिक व्यवस्था का हनन है। ऐसे मे हमारी माँग है की महमहिम संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत उत्तर प्रदेश की विधानसभा भंग कर राष्ट्रपति शासन लगाने हेतु इसकी अनुशंसा महामहिम राष्ट्रपति को अनुमोदित करे।
छात्र संघ चुनाव को लेकर छात्रों ने उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, राज्यपाल से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग